Friday, June 27, 2008

देवता होने की पहली शर्त !


सच है
पत्थर कठोर होता है
इसीलिए वह युगों तक
देवत्व को जीता है
संवेदना हीन !
इसीलिए वह स्मित -मुख धरता है
और युगों तक
निष्कलंकित रहता है
संज्ञा - शून्य!
इसीलिए वह विष-अमृत ग्रहता है
और युगों तक
अमरत्व को वरता है

मोम के देवता
आंच मिलते ही पिघल जातें हैं
नमी मिलते ही कठोर
स्पर्श मिलते ही बिखर जातें हैं
अप्नत्व मिलते ही विभोर
असंख्य रेखाएं खिंच जातीं हैं
उनके चेहरों पर
तीखे नख प्रहारों से
बिगड़ जाता है उनका आकार
और इसीलिए
देवता होने की
पहली शर्त है
पत्थर होना !

1 comment:

AMIT KUMAR said...

देवता होने की पहली शर्त है पत्थर होना बहुत ही प्यारी लाइन है, ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है