अग्निवन के बाद उपवन भी मिलेंगे
हम ज़रा सा पाँव धरने के जतन करके तो देखें ।
आंसुओं की बात क्या है घाव भी हंसनें लगेंगें
हम ज़रा सा मुस्कुराने के जतन करके तो देखें । ।
चंद ग़ज़लें -
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चंद ग़ज़लें -
१ बेवज़ह धूप में हम चल पड़े घर से क्यूँकर ,
हर दफा दर को शिकायत रहे सर से क्यूँकर ।
आंसुओं से कोई पत्थर नहीं पिघला करता,
दिल को समझाने में यह...
13 years ago